Sidhi News : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश श्री संजीव कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में दिनांक 14 सितंबर 2024 को जिला न्यायालय सीधी एवं सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन तथा मझौली में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री संजीव कुमार पाण्डेय, न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री मुकेश कुमार, विशेष न्यायाधीश/प्रभारी अधिकारी नेशनल लोक अदालत श्रीमती रमा जयंत मित्तल, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह एवं अन्य न्यायाधीशगण द्वारा जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्वलन कर किया गया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संजीव कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि आपसी राजीनामा से प्रकरणों का निराकरण सर्वोत्तम तरीका है जिससे समय एवं धन की क्षति रूकती है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। मध्यस्थता के माध्यम से पक्षकारों को मदद होती है। श्री पाण्डेय ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का जल्दी निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की तथा अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए प्रेरित किया। विशेष न्यायाधीश श्रीमती रमा जयंत मित्तल ने न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से प्रकरणों का निराकरण मध्यस्थता के माध्यम से करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि यह लोक अदालत इस वर्ष की तीसरी लोक अदालत है और लोक अदालत को सफल बनाने में वकीलों का अहम योगदान रहा है। समझौता एक ऐसा विकल्प है जिसमें आगे होने वाली लड़ाई समाप्त हो जाती है। श्री सिंह ने कहा कि नेशनल लोक अदालत एक कल्याणकारी योजना है। श्री सिंह ने कहा कि जिन प्रकरणों का निराकरण हो जाता है उनका संदेश ऐसे प्रकरण के अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को समाज में देना चाहिए जिससे अन्य व्यक्ति भी नेशनल लोक अदालत से होने वाले लाभों को जान सके और अपने प्रकरणों का निराकरण करा सकें। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री वीरेन्द्र जोशी ने मध्यस्थता के बारे में विस्तार से बताया तथा यह भी बताया कि मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो जाता है। श्री जोशी ने यह भी बताया कि किसी भी विषय पर दो पक्षों में विवाद उत्पन्न होने पर सर्वप्रथम उसे मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने के प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही न्यायाधीशगण एवं अधिवक्तागण से मध्यस्थता के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रेरित किया। श्री जोशी ने नेशनल लोक अदालत के अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। श्री जोशी ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का मध्यस्थता के माध्यम से अंतिम समय तक निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित हुये समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन श्री रूपेन्द्र कुमार मिश्रा सहायक ग्रेड-3 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार पाण्डेय, विशेष न्यायाधीशध्प्रभारी अधिकारी नेशनल लोक अदालत श्रीमती रमा जयंत मित्तल, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री मुकेश कुमार, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह बघेल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री वीरेन्द्र जोशी, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, तृतीय जिला न्यायाधीश श्री विकास चौहान, चतुर्थ जिला न्यायाधीश श्री गौतम कुमार गुजरे, प्रथम जिला न्यायाधीश सीधी के न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुश्री उर्मिला यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री लक्ष्मण डोडवे, न्यायाधीशगण सर्वश्री, सोनू जैन, श्रीमती शोभना मीणा, श्रीमती रेनू श्रीवास्तव, श्रीमती सोनम शर्मा, अभिषेक साहू, अनिरूद्ध कुमार उचाड़िया, सुशील गहलोत, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला, श्रीमती भारती शर्मा जिला अभियोजन अधिकारी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री प्रशांत पाण्डेय, सहायक सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती पूजा गोस्वामी, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी कु. सीनू वर्मा, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री देवेन्द्र प्रसाद मिश्रा, डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री विनोद कुमार श्रीवास्तव, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री सत्यप्रकाश पाण्डेय, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्री देवेन्द्र प्रसाद द्विवेदी तथा अधिवक्तागण उदयकमल मिश्रा, श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव, श्री विद्याकांत मिश्रा, पैरालीगल वाॅलेंटियर्स श्री विनय तिवारी, सुश्री शिप्रा सिंह बघेल, कु. शिवानी सिंह बघेल, कु ऋचा पाण्डेय, श्री शुभम जायसवाल, श्री प्रखर पाण्डेय, कु. रश्मि तिवारी, श्री अभिषेक दुबे सहित अन्य अधिवक्तागण तथा विद्युत विभाग, बैंक एवं नगरीय निकाय के प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के सदस्य एवं जिला न्यायालय तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सीधी में 14 खण्डपीठें, व्यवहार न्यायालय चुरहट में 03, मझौली में 02 व रामपुर नैकिन में 01 खंडपीठ गठित की जाकर कुल 20 न्यायिक खण्डपीठें गठित की गई थी। नेशनल लोक अदालत में समझौता योग्य आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशियेबल इस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय तथा, नगर पालिका के जलकर से संबंधित प्रकरणों के सहित विद्युत वितरण कम्पनी, समस्त बैंकों के ऋण वसूली मुकदमा पूर्व प्री-लिटिगेशन के प्रकरण इस लोक अदालत में निपटारे हेतु रखे गये।
सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित कुल 5070 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 451 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इसी प्रकार कुल 7033 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 1014 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 1458 प्रकरणों का निराकरण हुआ। मोटर दुर्घटना दावा के अन्तर्गत 24 क्लेम प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें पक्षकारों को 3042000 रूपये की क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हुई।
विद्युत अधिनियम से संबंधित एवं न्यायालय में लंबित 45 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 482123 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा विद्युत के 371 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 742000 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नेशनल लोक अदालत में 47 रूपये के चेक बाउंस के 10014881 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत में 255 आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों, 23 वैवाहिक प्रकरणों, 26 सिविल प्रकरणों तथा 22 अन्य प्रकरणों का निराकरण सफलतापूर्वक किया गया। नेशनल लोक अदालत में बैंक वसूली के 107 प्रीलिटिगेशन जिसमें विभिन्न बैंकों को 13303151 रूपये की राशि प्राप्त हुई। नगरीय निकाय के अन्तर्गत, जलकर कर के 263 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें नगरीय निकायों को लगभग 308510 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
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