भोपाल

MP Bhopal Gas Tragedy 1984: जब आधी रात काल के गाल समा गए हजारों लोग

Madhyapradesh : Bhopal gas tragedy 1984 में मारे गए थे हजारों लोग, सरकार पर भी उठे थे सवाल

Bhopal gas tragedy 1984 : मध्यप्रदेश के भोपाल में 2 से 3 दिसंबर की रात उस वक्त अफरा तफरी मच गई थी जब पूरे शहर में खतरनाक गैस फैल गई थी. जहरीली गैस फैलते ही पूरे शहर में लोग सोते हुए अपनी जान गवा बैठे थे. और देखते ही देखते हजारों लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे. और इसकी खबर फैलते ही पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया . तकनीकी खराबी के चलते मिथाइल आइसोसाइनेट गैस पूरे शहर में फैल गई थी .

Bhopal gas tragedy 1984

MP Bhopal gas leak case: 1984 एमआईसी स्टोरेज टैंक ई 610 के दबाव और बढ़ते तापमान को दो तकनीकी प्रक्रियाओं का उपयोग करके नियंत्रित किया जा सकता था. इसे या तो टैंक को ठंडा करने के लिए या इसे जलाने के लिए फ्लेयर टॉवर में संग्रहीत तरल एमआईसी गैस पास करने के लिए. आईएएनएस द्वारा विश्लेषण की गई रिपोर्ट में सुझाव दिया लेकिन, आपदा होने से लगभग छह महीने पहले टैंकों को ठंडा करने के लिए स्थापित प्रशीतन प्रणाली को हटा दिया गया था. एमआईसी गैस को जलाने के लिए बने फ्लेयर टावर के पाइप को लीकेज कम करने के लिए अनुचित आकार दिया गया था.

लोग बेहोश होने लगे(Bhopal Gas Leak)

Bhopal gas tragedy : डेविड ने कहा, तकनीकी समस्या को दूर करने के घंटों के प्रयास विफल होने के बाद, लोगों को सचेत करने के लिए फैक्ट्री का सायरन बजाकर रात करीब 2.30 बजे कर्मचारियों को फैक्ट्री से उत्तर दिशा की ओर रवाना कर दिया गया. 1.30 बजे तक लगभग 30 टन एमआईसी टैंक से वातावरण में लीक हो चुका था और अगले दो घंटों में यह आसपास की आवासीय कॉलोनियों में पहुंच गया और गहरी नींद में लोगों ने जहरीली गैस को अंदर लेना शुरू कर दिया. लोग बेहोश होने लगे और दुनिया की सबसे भयानक रासायनिक औद्योगिक आपदा भोपाल में 3 दिसंबर की सुबह शुरू हुई.

राजकीय विमान से भागा एंडरसन(BHOPAL MIC GAS LEAK STORY )

Gas tragedy : यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) के सीईओ वारेन एंडरसन को जमानत मिलने के बाद भोपाल से दिल्ली एक राजकीय विमान में ले जाने के बाद इसने विशेष रूप से एक राजनीतिक विवाद को जन्म दिया. कांग्रेस नेता भरत सिंह, जो (दिवंगत) अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री थे, ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि एंडरसन को उग्र भीड़ मार डालती, और यह राज्य का कर्तव्य था कि वह उन्हें सुरक्षा प्रदान करे. देखिए, हादसा तो हो गया था, लेकिन प्रशासन को भविष्य के बारे में भी सोचना था. अगर उसे यहां मार दिया होता, तो चीजें अलग हो सकती थीं और मुआवजे के रूप में एक पैसा भी नहीं मिलता. फिर क्या हुआ था, यह सब रिकॉर्ड में है. वह अतीत की बात है, और अब वर्तमान सरकार को इस मुद्दे को निपटाने पर ध्यान देना चाहिए और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करनी चाहिए.

ALSO READ THIS ARTICLES

Rewa News : पिकनिक मनाने गए छात्र की सिलपरा नहर में हत्या! परिजनों ने लगाया आरोप

Bhopal :छात्र निशांत सिंह राठौर की गला रेत कर हत्या, पिता को मिली -सर तन से जुदा की धमकी

Bhopal, #Bhopal gas tragedy, #1984 gas leak,

Leave a Reply

Related Articles

Close

Adblock Detected

Please disable the adblocker. It is the only source of our earnings.