चित्रकूट (Chitrakoot News ): चित्रकूट यूपी के चित्रकूट में आतंक का पर्याय बने साढ़े पांच लाख के इनामियां दस्यु गौरी यादव को एसटीएफ ने शनिवार तड़के 3.30 बजे बहिलपुरवा के जंगल में मुठभेड़ में मार गिराया। इसी के साथ चित्रकूट में खौफ के आखिरी अध्याय का अंत हो गया। एसपी एसटीएफ हेमराज मीणा ने गौरी यादव के मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि की है।
गौरी के पास से एसटीएफ को एके47 और भारी मात्रा में असलहा बरामद हुआ है।
बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधव बांध के पास डकैतों और एसटीएफ टीम के बीच मुठभेड़ हुई। गौरतलब है कि 31 मार्च को इसी बांध के पास डाकू गौरी गैंग के 25000 के इनामी भालचंद को भी एसटीएफ और पुलिस ने मुठभेड़ कर मार गिराया था।
ददुआ और ठोकिया के डकैत गौरी यादव बीहड़ में बाद बड़ा नाम बन चुका था।
गौरी यादव काफी लंबे समय से अंडरग्राउंड चल रहा था। चार महीने पहले अचानक ही इसने चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी। करीब 20 साल पहले डकैती की दुनिया में एंट्री करने वाले गौरी यादव ने 2005 में अपना अलग गैंग बनाया था।
2008 में ददुआ और कुछ दिन बाद ठोकिया के मारे जाने के बाद 2009 में गौरी यादव भी गिरफ्तार हो गया था। बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया था।
चित्रकूट जिले के फरार डकैत गौरी यादव के सिर पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शासन ने इस साल जुलाई में संयुक्त रूप से साढ़े पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। गौरी यादव पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हत्या, अपहरण, फिरौती तथा सरकारी काम में बाधा डालने के लगभग 50 मामले दर्ज थे।
वह चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के बेलहरी गांव का रहने वाला था। उसकी तलाश में कई पुलिस टीमें लगी थीं। डकैत गौरी यादव ने मई 2013 में दिल्ली से मामले की जांच करने पहुंचे दारोगा की हत्या कर दी थी।
इसके बाद मई 2016 में गोपालगंज में तीन ग्रामीणों को खंभे से बांधकर गोली मार दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी जावेद अहमद ने गौरी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
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