दिल्ली । दिल्ली में रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। एक महिला का शव बीते छह दिन से अस्पताल में पड़ा हुआ है, लेकिन परिवार वाले सिर्फ इसलिए उसे घर नहीं ले जा रहे क्योंकि उन्हें शक है कि महिला की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है।
यह दर्दनाक वाकया पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल का है, जहां छह दिन से एक महिला का शव लावारिस हालत में पड़ा हुआ है। शव लेने के लिए न महिला के परिजन आ रहे हैं और ना ही पुलिस शव लेकर जा रही है।
अस्पताल प्रशासन कई बार गुहार लगा चुका है, लेकिन पुलिस का सिर्फ यही कहना है कि वह परिजनों को ढूंढ रही है। ऐसे में अस्पताल के कर्मचारी पशोपेश में हैं कि शव का क्या किया जाए।
18 मार्च से थी भर्ती : अस्पताल प्रशासन की मानें तो 35 वर्षीय महिला को उसके परिजन 18 मार्च को लाए थे। उनमें कोरोना के शुरुआती लक्षण थे, इसलिए भर्ती कर लिया गया। भर्ती करने के बाद परिजन चले गए।
मोबाइल बंद : दस दिन लगातार उपचार के बाद 28 मार्च की सुबह करीब 5.28 बजे उनकी मौत हो गई। उनके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर की मदद से परिजनों से सम्पर्क किया गया लेकिन डॉक्टरों से बात होने के बाद परिजनों ने मोबाइल बंद कर दिया।
घर पर लटका ताला
पुलिस सीमा विवाद में उलझी
मोबाइल बंद होने के बाद अस्पताल की टीम आधार कार्ड पर दिए गए पते पर पहुंची तो वहां घर बंद पड़ा था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मामले की सूचना मालवीय नगर थाना पुलिस को दी।
मालवीय नगर पुलिस ने जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है क्योंकि वह तुगलकाबाद की थी। गोविंदपुरी पुलिस ने जांच कर कह दिया कि इस पते यह महिला रहती ही नहीं, इसलिए शव नहीं ले सकते।
नहीं था संक्रमण
अस्पताल प्रशासन ने जांच में पाया कि महिला को कोरोना का संक्रमण नहीं था। वह कई अन्य बीमारियों से ग्रसित थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई, जबकि परिजन जांच पर अड़े हुए थे।
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