Rewa Rajniwas sitaram das rape case : दुष्कर्मी बाबा का मददगार संजय त्रिपाठी कैसे बना अपराधी से ब्राह्मण नेता
रीवा जिले में गंभीर आपराधिक मामलों के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं 29 मामले
Rewa News MP :(रीवा न्यूज़ ): REWA RAJNIWAS RAPE CASE: 28 मार्च को रीवा जिले के हाई प्रोफाइल इलाके सिविल लाइन के राज निवास में हुए कमरा नंबर 4 में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना ने सब को झकझोर कर रख दिया, रीवा जिले का नाम प्रदेश भर में धूमिल हुआ ।
दुष्कर्मी बाबा के अलावा उसके मददगार भी पकड़े गए हैं
आपको बताते हैं कि कैसे दुष्कर्मी बाबा का मददगार संजय त्रिपाठी अपराधी से ब्राह्मण नेता बन बैठा।
कहानी शुरू होती है वर्ष 1998 से
वैसे तो संजय त्रिपाठी 80 के दशक में नागपुर में एक होटल में गोलीबारी कांड कर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हलचल पैदा कर दी थी ।
लेकिन इसके ऊपर आज की कहानी शुरू होती है 1998 में, जब श्रीनिवास तिवारी विधानसभा अध्यक्ष बनते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी रिश्ते में संजय त्रिपाठी के नाना लगते हैं,
कांग्रेस सरकार के दौरान संजय त्रिपाठी की रीवा जिले में तूती बोलती थी, किसी भी जमीन में अवैध अतिक्रमण करना, मारपीट करना, किसी को धमकाना, हत्या कर देना इन सब काम में माहिर था, इतना ही नहीं अपनी एक आईडी बना चुका था।
रीवा जिला का कुख्यात अपराधी विनोद पांडे उर्फ दद्दा इसी की पैदाइश है ।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के राजनीतिक शक्तियों का उपयोग कर खूब धौंस जमाने लगा।
और रीवा शहर में आए दिन
नए-नए अपराधिक घटनाओं को अंजाम देता।
संजय त्रिपाठी पर 29 मामले हैं दर्ज
संजय त्रिपाठी निवासी पडऱा पर सिविल लाइन थाना, चोरहटा थाना तथा सिटी कोतवाली में कुल 29 प्रकरण दर्ज हैं। संजय त्रिपाठी पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 147, धारा 341, धारा 294, धारा 506 बी, धारा 34, धारा 448, धारा 323,
धारा 307, धारा 385, धारा 452, धारा 377, धारा 342, धारा 302, धारा 147, धारा 148, धारा 149, धारा 386 तथा धारा 109 के तहत प्रकरण दर्ज हैं। इसी तरह आरोपी के विरूद्ध आम्र्स एक्ट की धारा 25 तथा 27, सट्टा एक्ट 4 क, अनुसूचित जाति-
जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत भी प्रकरण दर्ज है। आरोपी द्वारा वर्ष 1988 से वर्ष 2003 की अवधि में विभिन्न आपराधिक कृत्य किए गए। उसके विरूद्ध हत्या तथा हत्या के प्रयास जैसे संगीन प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
2003 में लड़की के चक्कर में हुई हत्या
रीवा शहर के पड़रा मोहल्ले स्थित रसराज ढाबे में एक लड़की के चक्कर में एक व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है, जिसके बाद पूरा रीवा जिला दहल जाता है ।
आम लोगों में चर्चा ऐसी भी है कि संजय त्रिपाठी अपराध कर प्लेन में बैठ भाग जाता था।
और भाई सो अठासी में अपराध जगत में कदम रखने वाला संजय त्रिपाठी 2017 तक आते-आते चार हत्या, पांच हत्या के प्रयास, सहित कुल 29 मामले पर दर्ज हो जाते हैं।
2003 में आ गई भाजपा सरकार
कांग्रेस सरकार के जाते ही संजय त्रिपाठी के अपने काले कारनामों को लेकर डर सताने लगा, जिससे बचने के लिए उसने एक अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा नाम का संगठन बनाया. खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बन बैठा।
आजीवन कारावास की सजा पा चुका है संजय त्रिपाठी
बताया जाता है कि संजय त्रिपाठी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है, बावजूद इस को बीमारी का हवाला देकर कोर्ट ने आजीवन पैरोल की सुविधा प्रदान कर दी ।
जिसके बाद यह अपराधी फिर से ऐशो आराम की जिंदगी जीने लगा।
ब्राह्मण संगठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते इस अपराधी को जगह-जगह मंचों में स्थान मिलने लगा ।
बड़े-बड़े नेताओं से मिलता, मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्रियों से मिलता।
अपने संगठन का विस्तार करने हेतु जगह जगह संगठन का कार्यक्रम आयोजित करता ।
और धीरे-धीरे अपराधी की छवि से अपराधी संजय त्रिपाठी की छवि एक ब्राह्मण नेता के रूप में उभरने लगी ।
दुष्कर्मी बाबा की मदद करने पर फिर गया जेल
रीवा में हुए नाबालिग से हाई प्रोफाइल दुष्कर्म कांड में आरोपी संजय त्रिपाठी पर आरोप है कि उसने महंत को अपने घर में रात भर सुरक्षित रखा, उसके बाद इनोवा कार से उसे शहर से दूर छोड़ आया।
जिसके बाद पुलिस पूछताछ के आधार पर सबूत मिलने पर संजय त्रिपाठी को उसके भांजे सहित भोपाल से घसीट कर रीवा लाती है ।
और अब संजय त्रिपाठी एक बार फिर से जेल की सलाखों के पीछे हैं, संजय त्रिपाठी के अवैध अतिक्रमण कर बनाए गए शॉपिंग कंपलेक्स को भी तोड़ दिया गया है, अब देखना होगा कि संजय त्रिपाठी कितने दिन तक जेल के अंदर रख पाता है, अपने रसूख का इस्तेमाल कर वह जल्द ही अपनी जमानत की कोशिश जरूर करेगा।
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