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REWA VINDHYA PRADESH :एक बार फिर विंध्य प्रदेश की मांगें जोरों पर ,गहरा नाता है अतीत से

REWA VINDHYA PRADESH NEWS : विंध्य प्रदेश एक ऐसा नाम जो किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है। विंध्य प्रदेश के मध्य में स्थित सफेद बाघों की धरती रीवा जो बघेल वंश के शासकों के साथ – साथ विंध्य प्रदेश की राजधानी रह चुका है। यहाँ पर बादशाह अकबर के नवरत्न जैसे तानसेन एवं बीरबल जैसे महान विभूतियों का जन्म हुआ। यहीं पर बीहर व बीछिया नदी कलकल ध्वनि करती हुई बहती है। विंध्य प्रदेश अपने ऐतिहासिक धरोहरों के लिए भी पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है।

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1952 के पहले ऐसा था हमारे विंध्य प्रदेश का अस्तित्व

जब हमारा भारत स्वंत्रत हुआ था । उसके बाद मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश में स्थित कुछ रियासतों को मिलाकर विंध्य प्रदेश का निर्माण किया गया था। उस समय पर भी हमारा विंध्य प्रदेश कई समकालीन राज्यों के मुकाबले विस्तृत व सक्षम था। 23.603

VINDHYA PRADESH NEWS TODAY वर्ग किलोमीटर में फैला यह प्रदेश अपनी 35 रियासतों को समेटे हुए था। जब 4 अप्रैल 1948 को विंध्य प्रदेश अपने अस्तित्व में आया तो इसे 2 संभागों व 8 जिलों में बांट दिया गया। उस समय में 1300 ग्राम पंचायतें व 11 नगर पालिकाएं थी। विधानसभा सीट 60 और लोक सभा सीट 6 थी। सन् 1950 में विंध्य को केंद्रशासित राज्य बनाने की पहल शुरु हो गई। इसके विरोध में

बहुत बड़ा आंदोलन किया गया। जिसमें गंगा, चिंताली और अजीज नाम के लोग शहीद हो गए। सैकड़ों की संख्या में लोगों को जेल भेजा गया। लेकिन उस समय के सरकारी तंत्र ने शांत कर दिया। विंध्य प्रदेश में पहली बार 1952 में चुनाव हुआ। उस

समय पहली निर्वाचित विधानसभा के सदस्य और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री निवास तिवारी ने विंध्य के विलीनीकरण के विरोध में लगातार सात घंटो तक ऐतिहासिक भाषण दिया। साथ ही एक एक तथ्य को सामने रखा। विंध्य प्रदेश के विलीनीकरण

VINDHYA PRADESH NEWS के समय बहुत विरोध किया गया लेकिन छोटे राज्यों का भविष्य सुरक्षित नहीं है । ऐसा कहकर विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया। जिसके कारण विंध्य प्रदेश का अपना अस्तित्व समाप्त हो गया। तब से लेकर आज तक विंध्य प्रदेश के लोगों के द्वारा विंध्य प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांगें की जा रही हैं।

इस समय विंध्य प्रदेश की मांगें जोरों पर

एक बार फिर से विंध्य प्रदेश की मांग जोरों पर है। इस बार लोगों के साथ साथ मैहर भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी आगे आए हैं। इसके पहले भी उनके द्वारा समय समय पर विंध्य प्रदेश को अलग दर्जा दिलाने के लिए प्रयास किया गया था। लेकिन कोरोना और लॉकडाऊन की वजह से कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया। लेकिन अब जैसे-जैसे स्थिति सामान्य हो रही है वैसे वैसे विंध्य प्रदेश की मांगें भी जोर पकड़ रही है। विंध्य प्रदेश का चहुमुखी प्रगति व विकास की गति प्रदान करने के लिए मैहर

VINDHYA PRADESH NEWS विधायक नारायण त्रिपाठी व विंध्य के लोगों की माँगें हैं कि ” हमारा विंध्य हमें लौटा दो ” इसी विषय में चर्चा के लिए विंध्य प्रदेश निर्माण समिति भोपाल के तत्वावधान में ” हमारा विंध्य हमें लौटा दो” विशाल विंध्य महासम्मेलन चुरहट के मोहनी देवी स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर विंध्य प्रदेश की मांग पर जोर दिया व एकता दिखायी।

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