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औंधे मुंह गिरे सरिया के दाम, दर्ज की गई भारी गिरावट :Sariya Rate Today, aaj sariya ka dam,

The price of sariya fell face to face, a huge drop was recorded :Sariya Rate Today, aaj sariya ka dam,

Sariya Rate Today :अपना घर बनाना हर किसी का सपना होता है. लोग अपना घर बनाने के लिए सालों से पैसे जोड़ते रहते हैं. ऐसे लोगों के सपनों पर महंगाई की मार कुठाराघात बनकर आई है. हालांकि पिछले कुछ महीनों से लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही महंगाई के बीच एक अच्छी खबर भी आई है.

घर बनाने के लिए जरूरी कई बिल्डिंग मटीरियल (Building Materials) की कीमतें बीते दिनों में काफी कम हुई हैं. इस कारण अपने सपनों का घर बना पाना अब आसान हो गया है.

इतना सस्ता हो गया सरिया


कारोबारियों के अनुसार, बीते एक महीने में सरिया (Saria) का भाव करीब 8000 रुपये प्रति टन सस्ता हुआ है. ब्याज दरें बढ़ने और रियल एस्टेट सेक्टर की चुनौतियों के कारण बिल्डिंग बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों की डिमांड कम हुई है

इसके अलावा कुछ अनुकूल सरकारी नीतियों ने भी इनकी कीमतें कम करने में मदद की है. कारोबारियों का कहना है बाजार में सीमेंट (Cement) का भाव भी पिछले दो-तीन सप्ताह में 60 रुपये तक कम हुआ है.

उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले दिनों में सीमेंट व सरिया जैसे बिल्डिंग मटीरियल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है. बाजार के जानकारों की मानें तो सरिया और सीमेंट के अलावा इन दिनों ईंट के भाव भी कम हुए हैं. इसका कारण भी डिमांड में कमी आना है.

सरिया से घर होता है मजबूत


आंकड़ों के अनुसार, थोक बाजार में सरिया का भाव इन दिनों 60 हजार रुपये प्रति टन के आस-पास है. खुदरा में इनकी कीमतें 62 से 63 हजार रुपये टन के बीच हैं. एक महीने पहले सरिया का भाव 70 हजार रुपये टन के आस-पास था.

इस तरह सरिया का खुदरा रेट एक महीने में करीब 8000 रुपये टन नीचे आया है. घर को मजबूत बनाने में सबसे ज्यादा रोल सरिया का होता है. आम तौर पर लोग लागत कम करने के लिए सरिया के इस्तेमाल में कटौती कर देते हैं.

इस कारण गिर रहे हैं भाव


दरअसल केंद्र सरकार ने स्टील (Steel) के एक्सपोर्ट पर ड्यूटी बढ़ा दी है. इसके कारण घरेलू बाजार में स्टील के उत्पादों के दाम तेजी से गिरे हैं. सरिया की कीमतों में आई कमी की भी मुख्य वजह यही है. गिरावट का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अप्रैल में एक समय सरिया का खुदरा भाव 82 हजार रुपये प्रति टन तक पहुंच गया था.

देखा जाए तो घर की छत और बीम के लिए बारों का बहुत अधिक उपयोग होता है, ऐसे में बार की कीमतों में कमी आई है, जिससे आम जनता को घर मिलने में बड़ी राहत मिलेगी। निर्मित। अभी दो महीने पहले यानी मार्च 2022 में बार की कीमतों में तेज उछाल आया था। यह भाव कई जगह 85 हजार रुपये प्रति टन तक पहुंच गया था, जो कई जगहों पर करीब 45 हजार टन तक पहुंच गया है.

नवंबर 2021 में बार का औसत खुदरा मूल्य 70,000 रुपये प्रति टन था
दिसंबर 2021 में यह कीमत 75,000 रुपये प्रति टन थी।
जनवरी 2022 में यह कीमत 78,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई।
फरवरी 2022 में जौ की कीमत और बढ़ गई और 82,000 प्रति टन पर पहुंच गई।
मार्च 2022 में बार की कीमत में फिर से 1,000 रुपये की वृद्धि हुई और यह कीमत 83,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई।
अप्रैल 2022 में, जंगली कीमतों में गिरावट शुरू हुई, जो 78,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई।
मई 2022 की शुरुआत तक जौ की कीमत 71,000 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई थी।
मई 2022 के अंतिम सप्ताह में जौ की कीमत 62,000 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई।
और अब वर्तमान में बार की कीमत लगभग 48,000 से 50,000 रुपये प्रति टन हो गई है.

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(DISCLAIMER: यह आर्टिकल कई वेबसाइट से म‍िली जानकार‍ियों के आधार पर बनाई गई है. Vindhya24 News अपनी तरफ से इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है)

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