Rewa Election 2024 :क्या रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा की सीट फँस गयी? क्या है चुनावी माहौल
Rewa election 2024 : भाजपा की सुरक्षित सीट मानी जाती रही है रीवा लोकसभा, कांग्रेस के मज़बूत प्रत्याशी उतारे जाने के बाद बदल गया चुनावी माहौल
Rewa Election news 2024 : देशभर में लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव अभियान जोरो पर है , सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव (Loksabha 2024 ) में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश(Madhypradesh ) की 28 लोकसभा सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था। तो वहीं इस बार 29 की 29 सीटे जीतने का लक्ष्य रखा है.
लेकिन इतना आसान नहीं है की भारतीय जनता पार्टी सभी सीटें जीत जाए। कई सीटों पर कांग्रेस पार्टी टक्कर दे रही है तो कई जगह बहुजन समाज पार्टी त्रिकोणीय मुकाबले में टक्कर दे रही है।
रीवा लोकसभा (Rewa Loksabha ) सीट वैसे तो भाजपा की सुरक्षित सीट मानी जाती है, पिछले दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने आसानी से चुनाव जीत लिया था, लेकिन इस बार मुकाबला टक्कर का है। कांग्रेस पार्टी ने नीलम अभय मिश्रा(Neelam Abhay Mishra ) (पूर्व विधायक ) को टिकट दिया है तो बहुजन समाज पार्टी ने ओबीसी मतदाताओं की संख्या को देखते हुए अभिषेक पटेल(Abhishekh Patel BSP candidate ) को अपना उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें कि 2009 के लोकसभा चुनाव के समय रीवा लोकसभा सीट से देवराज सिंह पटेल(Deoraj Singh Patel ) बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीत कर सांसद बन गए थे, उस वक्त भी कहा जा रहा था कि बहुजन समाज पार्टी को पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का समर्थन हासिल था।
ओबीसी मतदाता बदल सकते है समीकरण
पिछले दो लोकसभा चुनाव में रीवा से भाजपा के टिकट पर जनार्दन मिश्रा(JANARDAN Mishra Bjp Candidate ) सांसद बन चुके हैं, लेकिन इस बार मुकाबला टक्कर का है। इसमें बहुजन समाज पार्टी बड़ा अहम रोल अदा करेगी। कांग्रेस की उम्मीदवार जो सेमरिया से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक रह चुकी है, उन्हें सेमरिया क्षेत्र में अच्छा जन समर्थन हासिल है। इसके अलावा उनके पति अभय मिश्रा(Abhay Mishra ) सेमरिया विधानसभा सीट पर 2023 में भाजपा को पटखनी दे चुके है. तो 2018 के विधानसभा चुनाव में रीवा विधानसभा सीट से राजेंद्र शुक्ला को टक्कर दे चुके है. इसके अलावा कांग्रेस प्रत्याशी के द्वारा रीवा लोकसभा संसदीय क्षेत्र में सघन जनसंपर्क किया जा रहा है। और उन्हें गुढ़, मऊगंज, त्योंथर क्षेत्र से भी लोगों का खूब समर्थन मिल रहा है। बीते दिन कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन कार्यक्रम में रीवा पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भीड़ देखकर हैरान हो गए, और सभा में ही उन्होंने कहा कि रीवा इस बार इतिहास बनाने जा रही है। इसके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने भी उम्मीद जताई है की रीवा लोकसभा सीट से इस बार महिला प्रत्याशी सांसद चुनकर जाएगी ,
बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अभिषेक पटेल को ओबीसी वर्ग का अच्छा जन समर्थन हासिल हो रहा है. भाजपा और कांग्रेस से सवर्ण प्रत्याशी होने के
कारण ओबीसी मतदाताओं का रुख बहुजन समाज पार्टी की ओर दिख रहा है। रीवा लोकसभा सीट में ओबीसी मतदाताओं की अच्छी खासी तादात है ।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा(JANARDAN Mishra ) ने कहा है कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ती है, वह संगठन पर चुनाव की तैयारी और प्रचार प्रसार कर रहे हैं ।
इसके अलावा उन्हें नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वोट मिलने की उम्मीद है।
दोहरा सकता है 2009 का इतिहास
आपको बता दें कि रीवा लोकसभा सीट में जातिगत समीकरण के हिसाब से देखें तो 2009 का चुनावी रिजल्ट देखने को मिल सकता है।
अगर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को पिछड़ा वर्ग के अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों का भी वोट मिलता है तो चुनावी परिणाम दिलचस्प हो जाएगा। क्योंकि नरेंद्र मोदी के आने के बाद अनुसूचित जाति और जनजाति का अधिकांश वोट भाजपा में शिफ्ट हो चुका है।
भाजपा और कांग्रेस पार्टी के द्वारा लगातार कई चुनावों से सवर्ण उम्मीदवार को मैदान में उतारा जा रहा है. और पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को रीवा लोकसभा सीट से मौका नहीं दिया गया,
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा(Abhay Mishra ) अपनी पत्नी नीलम मिश्रा को संसद बनाकर दिल्ली भेजने का मन बना लिया है, और इसके लिए रणनीति बनाकर जनता के सामने विश्वास हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
2009 में देवराज सिंह पटेल बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर ही सांसद बने थे, उसके बाद लगातार दो लोकसभा चुनाव में जनार्दन मिश्रा को जीत हासिल हुई है.
2024 के लोकसभा चुनाव में रिजल्ट जो कुछ भी हो , लेकिन जनार्दन मिश्रा की राह आसान नहीं है। उन्हें विरोधी खेमे के द्वारा अच्छी टक्कर मिलने की संभावना है. और जातिगत समीकरण भाजपा के पक्ष में नहीं गए तो विपक्षी उम्मीदवार बीजेपी को पटखनी दे सकता है। और 2009 की तरह रिजल्ट देखने को मिल सकता है।
26 अप्रैल को होगा मतदान
रीवा लोकसभा सीट में 26 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा, उसके बाद 4 जून को रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा की जनता ने अपना विश्वास किसके ऊपर जताया है। फिलहाल राजनीतिक पार्टियों खूब जोर आजमाइश कर रही है. एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
Rewa : 36 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी, क्या खत्म होगी मान्यता!