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CM MOHAN YADAV : मोहन यादव का एक माह कार्यकाल कैसा रहा.. किस फैसले ने मचाया सबसे ज्यादा शोर

CM MOHAN YADAV GOVERNMENT : 13 दिसंबर को मोहन यादव ने लिया था मुख्यमंत्री पद की शपथ, मोहन यादव सरकार के 1 महीने हुए पूरे

CM MOHAN YADAV GOVERNMENT NEWS: मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल का एक महीना पूरा हो चुका है,  कई राजनीतिक विश्लेषकों ने एक महीने के कार्यकाल का विश्लेषण किया है, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि मोहन यादव सरकार ने बड़े बैलेंस तरीके से सरकार चलाई है।
 इसके अलावा आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए हर भाषण में मोदी की गारंटी और मोदी के नेतृत्व की वाहवाही  करते देखे गए. 1 महीने के कार्यकाल में उन्होंने थोक में आईएएस अधिकारियों को तबादला भी किया। 1 महीने के कार्यकाल में वह लगातार कई जिलों का दौरा किया, और मोदी के बताएं चार वर्गों का खास तौर से जिक्र किया, देश में केवल चार  जाती है महिला, किसान, युवा, गरीब. मोहन यादव का चाहे गुना बस हादसे में एक्शन हो यह शाजापुर कलेक्टर का तबादला सुर्खियों में रहा है आईए जानते हैं उनके बड़े फैसले

खुले में अंडे और मांस की बिक्री पर रोक

मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले खुले में अंडे  और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया ।  जिसको लेकर मुस्लिम समाज नाराज हुआ, और कई जगह तो अधिकारियों के साथ तीखी बातचीत भी सामने आई. हालांकि इसका असर शुरुआत के कुछ दिनों में जरूर रहा, पर अब पहले की तरह ही लोग दुकान लगा रहे हैं ।  इसके अलावा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने के लिए आदेश दिया, जिस पर सहमत होते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अपने से ही मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतर वा  दिया ।

 बस  हादसे  पर बड़ा एक्शन

 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पहले महीने के कार्यकाल में 27 दिसंबर को बड़ा बस हादसा गुना में सामने आया, जिस पर आरटीओ और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सामने भी आई, जिस पर एक्शन लेते हुए आरटीओ सहित कई अधिकारियों को तत्काल हटा दिया गया ।

mp cm mohan yadav
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 शाजापुर कलेक्टर को हटाया

 आपको बता दें कि ट्रक ड्राइवर के हड़ताल के समय एक वीडियो शाजापुर कलेक्टर का सामने आया जिसमें वह मजदूर से उसकी औकात पूछते नजर आ रहे थे, वीडियो सामने आने के बाद कलेक्टर की काफी फजीहत हुई, वीडियो वायरल होते ही तुरंत शाजापुर कलेक्टर को हटा दिया गया, और संदेश दिया गया कि आम जनता ही सर्वोपरि है. उन्होंने संदेश दिया कि अब निजाम बदल चुका है इसलिए ब्यूरोक्रेसी को आम जनता के साथ नरमी  के साथ पेश आने का निर्देश दिया गया ।

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