MP में घर बैठे बेचिए 2 रूपये किलो गोबर, ये रही प्रकिया
नवगठित जिला मऊगंज में शुरू हुई अनोखी पहल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बताया क्रांतिकारी कदम, प्रदेश भर में लागू होगी योजना
MP में घर बैठे बेचिए 2 रूपये किलो गोबर, ये रही प्रकिया
नवगठित जिला मऊगंज में शुरू हुई अनोखी पहल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने बताया क्रांतिकारी कदम, प्रदेश भर में लागू होगी योजना
MP MAUGANG NEWS: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में अनोखी योजना शुरू की गई है, जिसमें ₹2 किलो पशुओं का गोबर खरीद कर लकड़ी तैयार की जाएगी, बताया गया कि मध्य प्रदेश में मऊगंज पहला जिला है जहां पर इस तरह की योजना शुरू की गई है । अगर यह योजना सफल रही तो प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की योजना शुरू की जाएगी । गोबर से धन परियोजना की शुरुआत अभी निजी स्तर पर हुई है, जिसका स्थानीय प्रशासन ने सहयोग किया है, प्लांट के संचालक ने बताया है कि घर से प्लांट की गाड़ी के माध्यम गोबर इकट्ठा किया जाएगा अगर कोई प्लांट जाकर गोबर बेचना चाहता है तो उसके लिए गोबर के साथ परिवहन का खर्च भी दिया जाएगा ।
गणतंत्र दिवस के मौके पर प्लांट का हुआ उद्घाटन
आपको बता दें कि गोबर से धन परियोजना की शुरुआत गणतंत्र दिवस के मौके पर की गई, मऊगंज के पन्नी पथरिया गांव में एक संयंत्र स्थापित किया गया है, जहां पर गोबर से लकड़ी बनाई जाएगी. निजी कंपनी के द्वारा प्लांट में लगी मशीनों के जरिये कोयले का पाउडर मिलाकर लकड़ी तैयार की जाएगी. संयंत्र संचालक ने बताया है कि आटा चक्की नुमा मशीन में मिश्रण डालकर तैयार किया जाएगा, जिसमें 5 इंच मोटी गोला कार लकड़ी बनकर तैयार हो जाएगी ।
गोबर से बनने वाली लकड़ी सामान्य लकड़ी की अपेक्षा चार गुना ज्यादा ज्वलनशील होगी, जो होटल और छोटे व्यापारियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी । बाजार में इसे किस कीमत पर बेचा जाएगा अभी निश्चित नहीं किया गया है.
गोबर से धन परियोजना की यह योजना अगर सफल होती है तो प्रत्येक परिवार को हर महीने 5 से ₹10000 का लाभ होगा, यानी की जिसके पास जितने ज्यादा मवेशी होंगे उसके पास उतना ज्यादा गोबर मिलेगा, और जितना ज्यादा गोबर रहेगा उतना ही पैसा मिलेगा , उम्मीद जताई जा रही है कि इस योजना से एरा प्रथा पर रोक लगेगी . लोग गोबर के चक्कर में पशुओं को घर पर ही बांध कर रखेंगे.
वही विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा है कि इस योजना के जरिए बहुत बड़ी समस्या का समाधान होने जा रहा है, सड़कों पर आवारा मवेशी अक्सर दुर्घटना का शिकार होते हैं , और किसानों की फसलों को बर्बाद कर देते हैं।
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