मध्यप्रदेशसतना

SATNA NEWS : डीएपी के वैकल्पिक रूप एनपीके और जैविक खाद को दें प्रोत्साहन

SATNA NEWS : नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ने ली बैठक

SATNA NEWS : नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती Pratima Bagri ने कहा कि रबी मौसम में खाद की उपलब्धता को देखते हुए किसानों को डीएपी के विकल्प एनपीके और जैविक खाद को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद के उपयोग से अनेक साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। किसानों को उनकी आवश्यकता और उपयोग के लिए उर्वरकों की सहज उपलब्धता के प्रयास किये जाये। राज्यमंत्री ने शुक्रवार को जिले में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा की। इस अवसर पर कलेक्टर #सतना श्री अनुराग वर्मा, अपर कलेक्टर श्री शैलेन्द्र सिंह, एसडीएम श्री विकास सिंह, श्रीमती आरती यादव, श्री एपी द्विवेदी, श्री जितेन्द्र वर्मा, श्री राहुल सिलाडिया, श्री एलआर जांगडे, उप संचालक कृषि श्री मनोज कश्यप, डीएमओ मार्कफेड श्रीमती नेहा तिवारी सहित सहकारिता के अधिकारी उपस्थित थे।
कृषि उप संचालक मनोज कश्यप ने बताया कि सतना और मैहर जिले में वर्ष 2024-25 में रबी सीजन के लिए 92356 मी. टन उर्वरक का लक्ष्य रखा गया। जिसमें 21340 मे. टन सहकारी क्षेत्र और 15085 मे. टन निजी क्षेत्र मिलाकर 36426 मे. टन का भण्डारण हुआ है। जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। 19301 मे. टन यूरिया में से 9014 में. टन अभी भी उपलब्ध है। वितरण की स्थिति में सहकारी क्षेत्र में 16566 मे. टन, 5546 मे. टन मिलाकार 22112 मे. टन वितरण किया गया है जबकि यूरिया सहित 14314 मे. टन उर्वरक अभी उपलब्ध है। डीएपी 901 मे. टन अभी उपलब्ध है। जिले में डबल लॉक केन्द्रों और सहकारी निजी क्षेत्रों के विक्रय केन्द्रों में उपलब्ध खाद की मात्रा का दैनिक रूप से उपलब्धता की जानकारी मीडिया के माध्यम से प्रचारित की जा रही है। जिले में 157 पैक्स समितियों में से 147 पात्र है। जिनके माध्यम से 28 हजार किसान उर्वरक प्राप्त कर रहे हैं। राज्य शासन को एक रैक डीएपी, 2 रैक एनपीके की डिमाण्ड भेजी गई है। रामपुर और मझगवां ब्लाक में डबल लॉक केन्द्र संचालित नहीं है। बैठक में मझगवां, रामपुर मण्डी और रैगांव के सिंहपुर में डबल लॉक केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया कि जिन विक्रय केन्द्रों पर उर्वरक उपलब्ध है। वहां अपने विभाग के कर्मचारी की उपस्थिति में खाद वितरण कराये। इसी प्रकार सभी एसडीएम, तहसीलदार अपने क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केन्द्रों का सतत भ्रमण करें और व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग करें।

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