रीवा
MCU BHOPAL : जब संचार के माध्यम में शोरगुल होने लगे तब हमें रेडियो की याद आती है. जहां आज भी सौम्यता और सहजता बरकार है. आसान भाषा में रेडियो के कार्यक्रम बनते हैं जिसमें संचार के उद्देश्य सूचना, शिक्षा और मनोरंजन को ध्यान में रखा जाता है.
BHOPAL REWA CAMPUS : आम भाषा में कार्यक्रम की प्रस्तुति से कम पढ़े-लिखे लोगों को भी समझने में परेशानी नहीं होती है. सरकार के कई कार्यक्रम आकाशवाणी और उसके क्षेत्रीय केंद्रों से प्रसारित किये जाते हैं. कोरोना काल में अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए रेडियो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उक्त बातें एमसीयू रीवा परिसर में रेडियो दिवस की पूर्व संध्या पर पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित ‘आंचलिक विकास में रेडियो की भूमिका और कैरियर’ पर परिचर्चा के दौरान आकाशवाणी रीवा के प्रसारण अधिकारी सुमित गौतम ने कही. सुमित गौतम ने कहा कि रेडियो आप के अंदर कल्पनाशीलता को बढ़ाता है. पॉडकास्ट और निजी रेडियो चैनल की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेडियो पत्रकारिता को चुनना कैरियर का बेहतर विकल्प हो सकता है.
REWA MCU CAMPUS : अध्यापक प्रदीप शुक्ला ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और मोबाइल पत्रकारिता के बढ़ते चलन के बावजूद रेडियो अब भी प्रासंगिक है. रीवा परिसर के प्राध्यापक रवि साहू ने कहा कि रेडियो से हमारा बचपन जुड़ा हुआ है. रेडियो सुनने से हमारे अंदर सरल, सहज शब्दों का भंडार तैयार होता है जो कि पत्रकारिता के छात्रों के लिए बहुत जरूरी है.
कार्यक्रम का संचालन उमेश तिवारी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन पत्रकारिता विभाग के छात्र अजय ने किया. मौके पर धीरेंद्र मिश्रा, सुनील पांडेय, हरीश द्विवेदी, वर्षा त्रिपाठी, चंद्रकांत, रोहित, संजय, आशुतोष, अनीषा, साक्या, नीतेश झा, आशीष, अजीत उपाध्याय सहित फेसबुक लाइव के माध्यम से कई छात्र मौजूद रहे.
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