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REWA POLICE NEWS : रीवा में पत्रकारो के साथ हो रही मारपीट कि घटना पर रीवा पुलिस नही है संवेदनशील

रीवा में पत्रकारो के साथ हो रही मारपीट कि घटना पर रीवा पुलिस नही है संवेदनशील,

निरंजन मेडिकल के संचालक ने पत्रकार के साथ कि गाली गलौच व मारपीट,

•48 घंटा बीत जाने के बाद भी मारपीट करने वाले आरोपी के खिलाफ समान थाने कि पुलिस ने नहीं दर्ज की fir..?*l
• पत्रकार ने निरंजन मेडिकल के संचालक पर लगाया कोरेक्स व नशीली टैबलेट बेचने का आरोप…

🔥 *रीवा : से बड़ी खबर अपडेट
REWA POLICE CASE: रीवा जिले में पत्रकार सुरक्षित नही है, जी हा, आए दिन पत्रकारों के ऊपर नशेड़ी, गुंडे, अपराधी जो हमले कर रहे है, लेकिन वाह रे रीवा पुलिस… ?
जानकारी के मुताविक.. मुकेश त्रिपाठी जो पेशे से पत्रकार है, और रोजी रोटी चलाने एक छोटी सी दुकान नए बस स्टैंड निरंजन मेडिकल के बगल मे चलाते है,

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REWA NEWS : पीड़ित पत्रकार मुकेश त्रिपाठी ने निरंजन मेडिकल संचालक पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए बताया कि दिनांक 21/3/ 2021 की रात तकरीबन 9 बजे के आसपास वह अपनी दुकान बंद करके घर जा रहे थे, तभी संदिग्ध गतिविधियां निरंजन मेडिकल में दिखाई दी, वह मेडिकल की दुकान कि फोटो वीडियो बनाने का प्रयास किया, जिस पर फोटो

REWA CRIME NEWS खींचता देख निरंजन मेडिकल स्टोर का संचालक राहुल तिवारी आग बबूला हो गया और मा बहन की भद्दी भद्दी गालियां देते हुए पत्रकार के मोबाइल को हाथ मारकर जमीन में गिरा दिया और गला दबाकर हाथापाई कि, जिससे आंखों में गाल में मुक्के मारा, इस मारपीट की घटना में पत्रकार मुकेश त्रिपाठी के एक आंख में चोंट आई है, ठीक तरह से देख नही पा रहे है और चेहरे में भी चोट आई है, पत्रकार मुकेश त्रिपाठी के द्वारा इस मारपीट की शिकायत समान थाने में लिखित रूप से कि गई है, और सामान पुलिस के द्वारा पत्रकार का एमएलसी भी जिला हॉस्पिटल में करवा दिया गया है, लेकिन समान थाने की पुलिस के द्वारा शिकायत के 48 घंटे के बाद भी आरोपी के खिलाफ ना तो मुकदमा कायम किया गया, और न हीं

मारपीट करने बाले आरोपी राहुल तिवारी को गिरफ्तार किया गया, पीड़ित पत्रकार मुकेश त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि निरंजन मेडिकल संचालक के द्वारा पूर्व से से ही कोरेक्स एवं नशीली टैबलेट की बिक्री कि जा रही थी, जिसका मेरे द्वारा कई बार विरोध किया गया, और जब विरोध करने के बाद भी मेडिकल संचालक के द्वारा सुधार नहीं किया गया तो हो रहे कृत्य की फोटो एवं वीडियो बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन गुंडे अपराधियों ने उन पर हमला कर दिया,

क्या हुआ रीवा पुलिस के नशे के विरुद्ध कार्यवाही करने के दावे का, जो कई सवाल पैदा कर रहा..\

आपको बता दें कि…
मध्यप्रदेश सरकार और पुलिस विभाग पत्रकारों के मामलों पर गंभीर नही, जबकि कड़े कानून बनाने की जरूरत है, फिल्ड में कवरेज के दौरान नशेड़ी अपराधी जो पत्रकारों से बदसलूकी एवं मारपीट कर रहे है, वही पत्रकार मुकेश त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि इन लोगों से हमारी जान को खतरा भी है, क्योंकि ऐसे कई मामले रीवा जिले में देखने में मिले हैं कि पत्रकारों की

खुलेआम हत्या करवा दी गई है, तो हमें भी डर है कहीं यह लोग हमारी भी हत्या ना करवा दें, क्योंकि पुलिस प्रशासन तो हमारा साथ दे नहीं रहा है, नेता मंत्री भी आरोपियों की सिफारिश करने से पीछे नहीं हट रहे हैं, कहीं ना कहीं पुलिस पर राजनीतिक दबाव भी बनाया जाता है, जिसके चलते पुलिस कार्रवाई करने में विफल साबित हो रही है, बीजेपी के शासन काल में गुंडाराज अराजकता का माहौल व्याप्त हो चुका है, पुलिस भी नहीं कर पा रही है स्वतंत्र होकर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही,

REWA SAMACHAR
सवाल यह कि जब पत्रकार ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी, न जाने ऐसे कितने गुंडे रीवा में होंगे जो आए दिन आम नागरिक के साथ मारपीट की वारदात को अंजाम देते हैं और फिर पुलिस पर नेताओं से दबाव डालकर कार्यवाही न करने सिफारिश करते है, पत्रकार ने बताया कि यदि पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही नही कि गई तो वह रीवा पत्रकार संगठन व अपने परिवार के साथ आंदोलन व धरने पर बैठने को मजबूर होंगे ।

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