सीधी

दवाब में Sidhi Police :SC/ST के आरोपी पत्रकार अखिलेश को नही कर रही गिरफ्तार!

SIDHI MP NEWS : पत्रकार अखिलेश पाण्डेय (Akhilesh Pandey ) के नेता विधायकों सहित केंद्रीय मंत्री से घनिष्ठ सम्बन्ध का दावा – इसलिए पुलिस नहीं कर पा रही गिरफ्तार

चुनावी साल में गरमाया मुद्दा, प्रदेश सरकार की क़ानून व्यवस्था पर उठ रहे गंभीर सवाल

SIDHI MP NEWS : मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एसटी एससी के आरोपी पत्रकार की गिरफ्तारी न होने की वजह से प्रदेश भर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठता जा रहा है।

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आरोपी पत्रकार अखिलेश पाण्डेय के विरुद्ध आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 34 एससी एसती एक्ट के तहत मामला दर्ज है। इस संबंध में मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी सीधी पुलिस को पत्र भेजकर गिरफ्तारी की बात कही थी, लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई ।

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आरोपी पत्रकार अखिलेश पांडे का कई बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से अच्छे संबंध है। जिसकी वजह से सीधी पुलिस शायद अखिलेश पांडे को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। जिसकी वजह से प्रदेश की राजनीती में चुनावी साल में यह मुद्दा उभर कर सामने आ रहा है.

दलित समाज है नाराज

आपको बता दें कि आरोपी की गिरफ्तारी ना होने की वजह से सीधी का दलित समाज भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार पर नाखुश है, जिसका परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिख सकता है ।

वही मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी पत्र व्यवहार किया लेकिन सीधी पुलिस अभी तक गिरप्तार नही कर पाई वही विषयांतर्गत संदर्भित पत्र का अवलोकन करने को कहा गया है।

ये रहा पूरा मामला

सीधी जिले के सुनील चौधरी राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच प्रदेश महासचिव न०प्र० निवासी कोटहा सीधी जिला  सीधी के शिकायत जांच प्रतिवेदन के संबंध में ।

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संदर्भ:- आपके कार्यालय का पत्र कमांक / पुअ० / सीधी / एससीएसटी / 27 / 2103-पी / 2022 दिनांक 16.6.2022

फरियादी सुखलाल कौरी पिता स्व० भूषण कोरी भरतपुर की रिपोर्ट पर थाना आजाक सीधी में अनावेदक पत्रकार अखिलेश पाण्डेय के विरुद्ध अपराध कमांक 05/2020 धारा 294,323,506,34 ता०डिएव 3(1) (द). 3 (1) (ध) 3 (1) (एफ).3(1) (जी), एससी/एसटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

आखिर क्या वजह है की विवेचना में अनावेदक आरोपी अखिलेश पाण्डेय के कथन अनुसार विवेचक फर्जी हस्ता०करना बताकर अपने गंभीर और संवेदनशील प्रकरण को वर्ष 2020 से जून 2022 तक लगातार लंबित करना, संबंधित पुलिस अमला की आरोपी से मिलीभगत होना प्रतीत होता है।

जिससे अत्याचार निवारण अधिनियम 1939 में दिये गये प्रावधान निरर्थक जैसे सिद्ध हो रहे हैं।

वही मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने पत्र में कहा है कि एस०सी०एस०टी० एक्ट की धारा 18 के तहत जमानत आदि के प्रावधान नहीं है अर्थात अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है ।

प्रकरण को आयोग द्वारा अति गंभीरता से लिया है। अतः प्रकरण की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुये विवेचना पूर्ण कर आरोपी की गिरफतारी आदि का प्रतिवेदन आयोग को एक माह में अनिवार्यत भिजवाना सुनिश्चित करें । लेकिन अभी तक कोई गिरप्तारी नही की गई जबकि आखिर क्या वजह है की आरोपी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई, क्या सीधी पुलिस किसी स्थानीय नेता के दवाबओ में है या फिर मामला कुछ
और ही है।।।

 

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