रीवा

Rewa News :रीवा में दीनदयाल रसोई घोटाला….! गरीबों के राशन पर डाका.. लाखों का बंदरबाट?

MP REWA NEWS : रीवा। नगर निगम की दीनदयाल रसोई में एक गरीब व्यक्ति एक समय में लगभग आधा किलो राशन खा रहा है,

REWA : यह राशन शासन की दीनदयाल रसोई योजना के तहत खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा संचालन समिति को उपलब्ध भी प्रतिमाह कराया जा रहा है। यह बात जरूर ही चौकाने वाली है लेकिन संचालन समिति प्रतिमाह शासन द्वारा दिए गए 81 क्विंटल अनाज को खत्म कर उसका रिकार्ड भी दे देती हैं, यह तो सिर्फ एक रसोई का हाल है जो अस्पताल चौराहा में संचालित है। अभी दो रसोई जो एसएएफ चौराहा और रेवांचल बस स्टैंड में संचालित हैं, उनके तो भ्रष्टाचार का ग्राफ और बढ़ा है।

हैरानी इस बात की है कि इन तीनों संचालन समितियों द्वारा किए जा रहे बंदरबांट की ओर किसी का कोई ध्यान ही नहीं है। पूर्व में रसोई के नाम पर घोटाला उजागर हो चुका है, शुरुआत में कुछ भाजपा नेताओं ने इस रसोई का संचालन किया और लाखों का बंदरबांट किया।

यही वजह है कि संचालन समिति घोटाला छिपाने हिसाब देने में आना कानी कर रही हैं। सही रिकार्ड भी प्रस्तुत नहीं किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक दीनदयाल रसोई का संचालन अस्पताल चौराहा में विजय लक्ष्मी शिक्षा समिति द्वारा किया जा रहा है। संचालन समिति शासन के द्वारा दिए गए राशन व आ रही सहायता राशि में जमकर बंदरबांट कर रही है जिसका अंदाजा यहां निगम से मिल रही जानकारी से उजागर हो रहा है। आधा किलो आनाज खिला रहे बता दें कि नगर निगम की इस दीनदयाल रसोई में प्रति माह 37 क्विंटल गेंहू और 44 क्विंटल चावल दिए जाने की जानकारी दी जा रही है!

निगम के ही रिकार्ड के अनुसार यहां प्रतिमाह 12-15 हजार के बीच लोगो को खाना खिलाने की जानकारी समिति द्वारा दी जा रही है। लगभग एक व्यक्ति को एक बार में आधा किलो आनाज खिलाने की बात सामने आ रही है, एक पाव चावल व एक पाव आटा की रोटी एक बार में खिलाया जा रहा है। आम तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार से आनाज में बंदरबांट किया जा रहा है। वहीं सूत्र बताते हैं कि बामुश्किल 200-300 लोग ही रोजाना अधिकतम खाना खा रहे हैं लेकिन रिकार्ड में 500 व उससे अधिक प्रतिदिन बताए जा रहे हैं।

 रसोई में प्रति गरीब व्यक्ति से एक थाली पर 10 रुपए लिया जाता है। संचालन समिति की मानें तो 400-500 लोग रसोई में प्रतिदिन खाना खा रहे हैं। यदि 500 व्यक्ति के हिसाब से हिसाब लगाया जाए तो संचालन समिति के खाते में 5000 रुपए प्रतिदिन आते हैें, इसमें समिति को राशन के अलावा अन्य व्यवस्थाएं करनी होती थी।

इतना ही नहीं, संचालन समिति को दानदाता प्रतिमाह हजारों में अलग दान भी देते हैं। जिसके बाद भी संचालन समिति के पदाधिकारी दीनदयाल रसोई को लेकर यही रोना रोते रहे हैं कि संचालन मुश्किल पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो संचालन समिति की आड़ में राजनैतिक व्यक्ति ही इसका संचालन कर रहे थे।पहले डेढ़ किलो खिला रहे थे बता दें कि दीनदयाल रसाई की शुरुआत जब हुई तो इसे 301 क्विंटल राशन प्रतिमाह दिया जाता था। गरीबों के राशन पर सफेदपोश नेताओं ने जमकर डाका डाला।

संचालन करने वाले निगम में वर्तमान में पार्षद भी हैं। जांच बैठी लेकिन कुछ हुआ नहीं। नेता डेढ़ किलो राशन शुरुआत में एक व्यक्ति को एक बार में खिला रहे थे। तब संचालक नम्र महिला बाल कल्याण समिति को मिला था। भ्रष्टाचार उजागर हुआ तो यह आधा किलो में आ गया है, यदि जांच की जाए तो गरीबों के राशन में पडऩे वाले इस डाका से निजात मिल सकती है।

न कभी जांच, नहीं पहुंचते अधिकारी

नगर निगम को संचालन समिति के कार्यों सहित उसके रिकार्ड के लिए शासन ने आदेशित कर रखा है।

अधिकारियों की देखरेख में ही दीनदयाल रसोई का संचालन शुरू किया जाना है। इसमें नियम यह भी है कि अधिकारी बीच-बीच में रसोई का निरीक्षण कर उसकी कमियों को ठीक कराए व संचालन समिति पर निगरानी रखे ताकि योजना का लाभ भी गरीबों को मिल सके। शुरूआत में अधिकारी वहां पहुंचते थे लेकिन अब ऐसा नहीं किया जाता। जिसके चलते अब रसोई के संचालन में ऐसी बड़ी लापरवाहियां सामने आ रही है।\

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