APSU REWA NEWS :अवधेशप्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के नोडल अधिकारी व उनकी टीम की लापरवाही आई सामने
APSU REWA : 65 करोड रूपये मे से मात्र पिछडावर्ग के 20 छात्रों को दिया गया छात्रवृत्ति राशि, बाकी को रखा गया वंचित
APSU REWA NEWS : छात्र नेता शुभम प्रसाद कुशवाहा ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि लम्बे समय से चल रही छात्रवृत्ति समस्या पर विश्वविद्याल के नोडल अधिकारी और उनकी टीम के द्वारा पिछड़ा वर्ग के छत्रों की छात्रवृत्ति राशि को स्वकृति करने में जानबूझ कर लापरवाही कि गई है, पूर्व में नोडल अधिकारी द्वारा यह कह कर छत्रो को टाल-मटोल कर दिया जाता था कि पोर्टल पर बजट रिचार्ज नहीं हुआ है, या किया भी गया होगा
तो कोई जानकारी नहीं दी जाती थी, उच्चअधिकारियों से परेशान होकर छत्रो ने लिखित रूप से पूर्व में भोपाल मे विभागीय वरिष्ठ अधिकारी और जिला अधिकारी को ज्ञापन पत्र सौपा गया था।
REWA APSU NEWS : जिसके बाद अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा को शासन द्वारा 65 करोड़ रूपये सेंशन किया गया था, परन्तु विश्वविद्यालय रीवा के नोडल अधिकारी व उनकी टीम की लापरवाही के चलते मात्र 20 पिछड़ा वर्ग छात्रों की छात्रवृत्ति सेंशन की गई और शेष छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित रखा गया।
शुभम कुशवाहा ने कहा कि आगामी बजट रिचार्ज होने के पहले जिला सहायक संचालक या नोडल अधिकारी को जानकारी दी जाए जिससे समस्या का निराकरण हो सके जिसमें अधिकारियो द्वा़रा 4 दिन पूर्व लेटर जारी किया गया था कि 12 से 1 बजे के बीच 26 तारीख को पोर्टल पर 65 करोड़ का बजट रिचार्ज किया जाएगा या साथ जिला सहायक संचालक के द्वारा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी प्रभारी कुलपति एवं नोडल अधिकारी को ला पाठ्यक्रम के बड़े बाबू को फोन से व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया गया था, उसके बाद भी विश्वविद्यालय के अधिकारी के द्वारा समय का ध्यान नहीं दिया गया जिसके कारण से फिर से राशि स्वीकृत नहीं हो पाई है।
शुभम ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों के द्वारा जाति गत भेद भाव के कारण दिखावे मात्र के लिए छात्रवृत्ति में काम कर रहे हैं और काम भी न हो हमे कोई वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा कोई कार्यवाही भी ना हो सके यहां पर एक कहावत सिद्ध होती दिख रही है कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे छात्र परेसान रहे। छात्र परेशान नहीं होगे तो पढ़ेंगे और आगे निकल जाएंगे ईर्षा करते हैं कि पिछडावर्ग के छात्र छात्रवृत्ति के दम पर पाढ लिख कर रोजगार करने लगे .
ऐ छात्रों को मजदूर बनाना चाहते है अर्थिक रूप से कामजोर छात्र छत्रा अपनी पढाई छोड़ दे ये मानसकिता है एन्की एसी मानसिकता पर जिला के वरिष्ठ अधिकारी और भोपाल के उच्च शिक्षानालय और पिक्षडावर्ग विभाग के अधिकारियो संज्ञान मे लेकर कार्यवाही की मांग किए है।
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