जबकि हनुमना एसडीएम को यह ध्यान देना चाहिए कि वह एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए हैं और जिस तरह से जन समस्या को अनुसुना करते हुए भड़क उठे उन्हें और उनके पद को कभी भी यह शोभा नहीं देता, रही बात मीडिया टीआरपी की तो यह बात हनुमना एसडीएम राजेश कुमार मेहता को पता होनी चाहिए कि उनकी टीआरपी कितनी है? कि वह बोल देंगे तो किसी चैनल की टीआरपी बढ़ जाएगी? लेकिन जिस तरह से हनुमना एसडीएम के बिगड़े बोल सामने आए इससे साफ होता है कि वह जनसमस्याओं को वह कितना सुनते होंगे और जन समस्याओं पर कितना ध्यान देते होंगे।
हलाकि मध्य प्रदेश सरकार दावे करने में पीछे नहीं हटती चाहे उनके प्रशासनिक अधिकारी जनता के साथ कैसा भी दुर्व्यवहार क्यों ना करें, एक तरफ रीवा कलेक्टर प्रेसवार्ता का आयोजन कर विकास कार्यो को गिनाती हैं तो दूसरी तरफ उन्ही के सक्षम अधिकारी इस तरह की बात बोलते हैं, इससे साफ तौर पर समझा जा सकता है कि रीवा जिले में दोहरा कानून चल रहा है।
लापरवाह अधिकारी करते है जनता को परेशान
आपको बता दें की लापरवाह अधिकारी जनता की समस्याओ पर ध्यान नहीं देते है जिसकी वजह से ही कई बार छोटी बातें बड़े मुद्दे का रूप ले लेती है। अगर जनता की समस्याओ को यही अधिकारी आवेदन देने के बाद संज्ञान ले लेते तो जनता को बड़ी राहत मिलती।
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