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पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल रीवा से 25 हजार वोटों से हार सकते है विधानसभा चुनाव :सर्वे में दावा

Former minister Rajendra Shukla may lose from Rewa by 25 thousand votes in assembly elections, survey claims

रीवा नगर निगम चुनाव में बीजेपी की हुई है करारी हार, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को लगा करारा झटका

2023 में रीवा विधायक 25000 वोटों से हार सकते हैं चुनाव : स्थानीय न्यूज़ चैनल के सर्वे में किया गया दावा

Rewa MLA Rajendra shukla News: मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जहां पर मध्य प्रदेश के रीवा जिले से नगर निगम में महापौर पद में 24 साल से काबिज बीजेपी को कांग्रेस ने जोर का झटका दिया है.

कांग्रेस के अजय मिश्रा बाबा ने बीजेपी प्रत्याशी रहे प्रबोध ब्यास को लगभग 10000 वोटों से हरा दिया है.

आपको बता दें कि चुनाव परिणाम के एक दिन पहले विंध्या 24 न्यूज़ नेटवर्क ने अपना एग्जिट पोल जारी किया था,

न्यूज़ नेटवर्क के एग्जिट पोल में दावा किया गया था की रीवा नगर निगम की महापौर की सीट कांग्रेश एकतरफा जीत रही है,
जो की एक दिन बाद चुनाव परिणाम में एकदम सटीक साबित हुआ.

न्यूज़ चैनल ने नगर निगम चुनाव के समय आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला की विधानसभा चुनाव में जीत की दावेदारी के लिए सर्वे किया, जिसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए है .

न्यूज़ चैनल ने अपने सर्वे के लिए रीवा विधानसभा में 1500 लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजेंद्र शुक्ल के जीत की दावेदारी के लिए प्रश्न किया,

सर्वे में एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक 59% लोगों ने विधायक राजेंद्र शुक्ला से असंतुष्टि जताई है,

भाजपा के लिए खतरे की घंटी

अगर नगर निगम चुनाव की तरह ही चैनल का सर्वे एकदम सही साबित होता है तो यह विंध्य की राजनीती से बीजेपी का पत्ता साफ हो सकता है.

वर्तमान में जहां रीवा जिले के आठ के आठों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, आगामी विधानसभा चुनाव में लगभग 4 से 5 सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती है.

25 हजार से ज्यादा वोटों से हार सकते है विधायक राजेंद्र शुक्ला

आपको बता दें कि चुनावी सर्वे के दौरान जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर जो परिणाम सामने आए हैं
उसके मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री व विधायक राजेंद्र शुक्ला लगभग 25 हजार से ज्यादा वोटों से अपना विधानसभा चुनाव हार सकते हैं. दुष्कर्मी बाबा सीताराम दास महाराज केस में ब्राम्हण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जिस तरह से जेल में डाला गया है, उसकी वजह से ब्राह्मणों का एक बड़ा तबका बीजेपी से नाराज चल रहा है. और यह नाराजगी राजेंद्र शुक्ला के लिए भारी पड़ने वाली है.

रीवा में कांग्रेश करेंगी वापसी

बीजेपी की जनविरोधी नीतियों और बढ़ती महंगाई के कारण जनता अब त्रस्त हो चुकी है,

पहले जहां लोग बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व मोदी और शिवराज को देखकर वोट दे दिया करते थे,

लेकिन अब बीजेपी की जनविरोधी नीतियां और नेता लोगों के आंखों में खटकने लगे हैं.

यही वजह है कि जनता अब परिवर्तन चाहती है,

रीवा जिले में वर्तमान समय में सबसे ज्यादा बुरा हाल गुढ़ विधान सभा का है, जहां पर लोगों की नाराजगी बीजेपी के खिलाफ साफ देखी जा रही है.

इसके अलावा त्योंथर, मऊगंज, सेमरिया और देवतालाब में बीजेपी की स्थिति डांमाडोल हो चुकी है.
और आगामी विधानसभा चुनाव में अगर बीजेपी इन सीटों में हार जाती है तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.

रही बात कांग्रेस की तो उसकी जीत की संभावना इस बात पर निर्भर करेगी कि वह एकजुट रहती है या धड़ो में बिखर जाएगी.

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