Election report :मध्यप्रदेश के रीवा विधानसभा सीट पर 20 सालों तक कांग्रेस का सूखा समाप्त नहीं हो पाया है. 2003,2008, 2013 और 2018 में बीजेपी ने कांग्रेस को शिकस्त दी थी. बीजेपी के राजेंद्र शुक्ला रीवा विधानसभा में चार बार लगातार विधायक रहने का रिकॉर्ड बनाया.
20 साल बाद कांग्रेस को रीवा से मिलेगी सफलता!
विंध्य क्षेत्र के रीवा सीट मध्यप्रदेश की राजनीति के लिए काफी अहम मानी जाती है. हम आपको बता दें कि रीवा जिले की सीट एक राजनीतिक पहचान है. 2023 से 2018 तक रीवा जिले की सीट बीजेपी के लिए गढ़ साबित हुई है. राजेंद्र शुक्ला ने विधानसभा चुनाव में लगातार विकास का मुद्दा उठाते रहे हैं.यही कारण है कि रीवा की जनता ने राजेंद्र शुक्ला पर लगातार भरोसा किया है. हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने महापौर पर सफलता प्राप्त की थी. कांग्रेस के अजय बाबा ने शानदार सफलता प्राप्त किया था. इसके बाद से ही कांग्रेस रीवा विधानसभा में काफी उत्साहित है. और उसे यह उम्मीद है कि इस बार रीवा से कांग्रेस का सूखा खत्म हो जाए.
रीवा में राजेंद्र शुक्ला बनाम राजेंद्र शर्मा की टक्कर
रीवा में बीजेपी और कांग्रेस की सीधी टक्कर है. रीवा से जहां भाजपा ने एक बार फिर राजेंद्र शुक्ला पर भरोसा किया है.वहीं कांग्रेस ने इंजीनियर राजेंद्र शर्मा पर दांव खेला है. अब ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान होने की उम्मीद जताई जा रही है. हम आपको बता दे की 2003से रीवा विधानसभा सीट पर बीजेपी जीतती आई है. जबकि 1990 में कांग्रेस के महाराजा पुष्पराज सिंह ने जीत हासिल की थी.जिसमें वह 1990, 1993,1998 से लेकर 2003 तक विधायक रहे हैं.
रीवा जिले में कुल आबादी 23, 65106 है. रीवा जिले में 95% हिंदुओं की आबादी का आकड़ा है. अब 2023 के चुनाव में देखने वाली बात यह होगी कि राजेंद्र शुक्ला बनाम राजन शर्मा में बड़ी कौन मारता है. और रीवा की जनता किसको आशीर्वाद देती है. हाल ही में जारी किए सर्वे में रीवा जिले की सीट में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना जताई जा रही है.
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