Business Idea: This farmer of Rewa is earning 10 lakhs by selling vegetables. Know how his luck changed
Rewa News MP (रीवा न्यूज़ ) : अगर मन में जुनून और करने का कुछ जज्बा हो तो आदमी कुछ भी कर सकता है,
खेती को मजबूरी कहने वाले किसानो के लिए जिले के एक किसान ने मिसाल कायम करते इसे न सिर्फ लाभ का धंधा साबित किया है, बल्कि इससे वह प्रतिवर्ष 10 लाख से अधिक की कमाई भी कर रहे है।
गौरतलब है कि अजगरहा निवासी किसान उपेन्द्र सिंह 55 वर्ष की माने तो एक साल में सब्जी बेंच कर 10 लाख (10 Lakh rupee ) से अधिक की कमाई कर रहे हैं। किसान के फार्म हाउस में गोभी, टमाटर.लौकी सहित अन्य सब्जियां लगी हुई है। प्रतिवर्ष वह इन सब्जियों को बेंच कर अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं।
गोभी सबसे ज्यादा आमदनी
लगभग २० साल से सब्जी लगाने और बेचने का कार्य कर रहे उपेन्द्र ने बताया वैसे तो वह सभी प्रकार की सब्जी अपने 20 एकड़ के फार्म हाउस में लगाता है, लेकिन सबसे ज्यादा आमदनी उसे गोभी की सब्जी से होती है। प्रतिवर्ष उसे गोभी से 6 से 7 लाख रूपए तक की आय हो जाती है,
जबकि अन्य सब्जियों से उसे 3 से 4 लाख रूपए की आय होती है। एक साल में वह चार से पांच बार तक गोभी का उत्पादन करता है। ऐसा नहीं है कि वह केवल सब्जी का कार्य भी करता है। वह खेती का कार्य भी करता है खेती से भी उसे 4 लाख तक की आय हो जाती है।
कृषि वैज्ञानिकों का सहयोग
किसान उपेन्द्र की माने तो पहले वह अपने मन से ही खेती करता था। जिसका उसे कई बार नुकसान भी उठाना पड़ा। लेकिन विगत कई वर्ष पूर्व जब वह कृषि वैज्ञानिकों के संपर्क में आया तक उसे पता चला कि सब्जी उगाने में उसके द्वारा क्या कमी की गई है।
इसके बाद वह केवल कृषि वैज्ञानिकों के ही मार्गदर्शन में खेती के साथ ही सब्जी का लगाने का कार्य करता आ रहा है। इसका उसे सकरात्मक परिणाम भी मिला है।
किसान की माने तो प्रतिवर्ष वह १५ हजार से अधिक गोभी को बेंचता है। सीजन के हिसाब से उसे गोभी का कम ज्यादा रेट भी मिल जाता है। लेकिन नुकसान कभी नहीं होता।
आर्गेनिक खाद की राह पर अग्रसर
सब्जी के साथ ही खेती में किसान उपेन्द्र द्वारा बहुती ही सीमित मात्रा में रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता हैए वह भी कृषि वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में। किसान ने बताया कि अधिकतर किसान निर्धारित मात्रा से अधिक रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं। Rewa News :अस्पताल के बाहर फटा सिलेंडर, मची भगदड़
इसका दुष्प्रभाव फसल और सब्जियों में भी देखने को मिलता है। उपेन्द्र की माने तो वह आने वाले समय में आर्गेनिक खेती कर अपनी फसल की उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी करेगा।
नौकरी न करने का नहीं है मलाल
उपेन्द्र ने बताया कि वह बीएससी पास आउट है। 1992 में उसे एक कंपनी में अच्छी सैलरी पर नौकरी मिल रही थी। पिताजी के एक्सीडेंट होने और खेती किसानी के लिए मैने नौकरी को छोड़ कर परिवार और खेती को वरीयता दी। आज मुझे इस बात की खुशी है कि मेरा फैसला सही था। अगर मैं नौकरी करता तो इससे दूसरों को फायदा होताए लेकिन किसानी से मेरा फायदा हो रह है।