रीवा

REWA : शिवराज जी….Ladli Behna Yojna की वजह से ठप पड़ गए ये कार्य.. ध्यान दीजिये

Ladli Behna Yojna MP : लाड़ली बहना योजना के चलते सभी विभागीय कार्य ठप

REWA LADLI BAHNA yojna : रीवा : मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना लाड़ली बहना योजना के पंजीयन आंकड़े बढ़ाने के चल रहे अभियान के चलते विभागीय काम-काज ठप्प हो गए हैं। लाड़ली बहना योजना में ग्राम पंचायत सचिव, पटवारी, जन अभियान, आजीविका मिशन, महिला बाल विकास विभाग, नगरीय निकाय पर जिला प्रशासन भारी दबाव बनाए हुए है। लिहाजा ग्राम पंचायत सचिव एवं हल्का पटवारी सभी काम छोंड़कर लाड़ली बहना योजना के पंजीयन आंकड़े बढ़ाने में व्यस्त दिख रहे हैं। जानकारों का कहना है कि जिला प्रशासन का काफी दबाव है कि संबंधित विभाग का अमला ज्यादा से ज्यादा पंजीयन आंकड़े जुटाए। इसी वजह से शासन के निर्देशों के विपरीत अपात्र महिलाओं की केवायसी भी कराई जा रही है। जिससे वह भी आवेदन कर सकें।

प्रदेश सरकार द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि जिन महिलाओं के परिवार की वार्षिक आय ढ़ाई लाख रुपए से ज्यादा है वह आवेदन करने के लिए पात्र नहीं है। इसी तरह जिन महिलाओं के परिवार के पास चार पहिया वाहन, पांच एकड़ से ज्यादा भूमि है वह भी अपात्र की श्रेणी में शामिल हैं। देखा यह जा रहा है कि सभी महिलाएं बेरोंकटोक बिना कोई जांच के आवेदन कर रही हैं।


उक्त आवेदनों की जांच के लिए ग्राम पंचायतों में हल्का पटवारी एवं ग्राम पंचायत सचिव का प्रतिवेदन लगना चाहिए। जिसमें वह प्रमाणित करे कि संबंधित महिला पूरी तरह से पात्र है। रीवा जिले में जिला प्रशासन के दबाव के चलते कोई भी जांच नहीं हो रही है। विभागों पर इतना ज्यादा दबाव है कि वह ज्यादा से ज्यादा आवेदन एकत्र करनें में इन दिनों लगे हुए हैं। ऐसी स्थिति में कई ऐसी महिलाएं भी आवेदन कर रही हैं जिनको अन्य योजनाओं का लाभ मिल रहा है। साथ ही जिनके परिजन शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने पर पेंशन पा रहे हैं।

बताया गया है कि कुछ महिलाएं तो ऐसी भी हैं जिनके द्वारा आवेदन किया गया जिनके पति शासकीय सेवा में हैं। जब इस संबंध में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की ड्यूटी में लगे कुछ कर्मचारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि वह केवल समग्र आईडी के आधार पर ही पंजीयन की कार्यवाई कर रहे हैं। यह अवश्य है कि जो आंकड़े आने की उम्मीद थी उसमें भारी कमी है। इसी के चलते जिला प्रशासन भी काफी परेशान है।

LADLI BEHNA Yojna portal onlline apply
LADLI BEHNA Yojna portal onlline apply

कर्मचारियों का कहना था कि काफी महिलाएं इस वजह से भी आवेदन नहीं कर पा रही हैं क्योंकि उनकी समग्र आईडी कई मामलों को लेकर त्रुटिपूर्ण है। खासतौर से कुछ महिलाओं का विवाह के बाद भी समग्र आईडी ससुराल में दर्ज नहीं है। ऐसे मामले काफी हैं इस वजह से महिलाएं न तो ससुराल से आवेदन कर सकतीं और न ही मायके से कर सकती।

इसको सुधार को लेकर जो कार्यवाई होनी चाहिए वह नहीं हो रही है। केवल पंजीयन के आंकड़े ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के लिए ही जिला प्रशासन का दबाव बना हुआ है। कलेक्टर के सख्त निर्देश हैं कि महिलाओं का ज्यादा से ज्यादा पंजीयन योजना के तहत होना चाहिए। इसी वजह से विभागीय अधिकारी भी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को पंजीयन ज्यादा सेे ज्यादा करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं।

स्थिति यह है कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगने के बाद भी जिस अनुपात में महिलाओं का पंजीयन होना  चाहिए वह नहीं दिख रहा है। मजबूरी के चलते ही अपात्र महिलाओं की ई-केवायसी कराई जा रही है।

जिससे ज्यादा से ज्यादा मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना में महिलाओं का पंजीयन रीवा जिले से हो सके।जिला प्रशासन द्वारा कई विभागों की ड्यूटी इन दिनों मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में लगा दी गई है। लिहाजा संबंधित विभागों का काम-काज पूरी तरह सेे ठप्प है।

विभागों के अधिकारियों के साथ ही उनका अमला भी लाड़ली बहना योजना के पंजीयन करानें में व्यस्त हैं। सबसे ज्यादा काम-काज ग्राम पंचायतों एवं राजस्व विभाग को प्रभावित दिख रहा है। इन विभागों का अमला लाड़ली बहना योजना की ड्यूटी में ही व्यस्त है। बताया जा रहा है कि 30 अप्रैल 2023 तक पंजीयन अभियान चलना है।

जिसके चलते  विभागीय अमला शिविर लगाने के साथ ही कम संख्या में हो रहे पंजीयन के चलते अब घर-घर जाकर भी संपर्क करनें की तैयारी बना रहा है। विभागीय काम-काज ठप्प होने के कारण संबंधित लोग भी परेशान हैं।

ग्राम पंचायतों  एवं नगरीय निकायों में अन्य कोई भी कार्य इन दिनों नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते अन्य कामों के सिलसिले में विभागों का चक्कर काट रहे लोग काफी परेशान हैं। राजस्व विभाग में हल्का पटवारी इन दिनों अपना विभागीय काम-काज बंद करके अपने क्षेत्र में लाड़ली बहना योजना के पंजीयन आंकड़े बढ़ाने के लिए दौड़धूप कर रहे हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा 23 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की महिलाओं का पंजीयन मुख्यमंत्री लाड़ली योजना के तहत हो सके।

जानकारों का कहना है कि रीवा जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के पंजीयन हो रहे हैं उसमें किसी भी नियम-कायदे का पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में आभाष हो रहा है कि चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार द्वारा नियमों को कागजों में ही लागू किया गया है। बाद में संभावना है कि चुनाव के बाद या तो योजना ही बंद हो जाएगी अथवा योजना में शामिल हो चुकी अधिकांश महिलाओं की जांच के बाद नाम ही कट जाए।

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