Rewa loksabha : सांसद जनार्दन मिश्रा को सता रहा किस बात का डर? Part -1
Rewa loksabha election 2024 : कांग्रेस ने घोषित कर दिया अपना उम्मीदवार,सेमरिया विधायक अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को मिला है टिकट
Rew loksabha election 2024 : लोकसभा आम चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है, देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू है। प्रथम चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है . 2014 और 2019 के मोदी लहर में जीतकर रीवा के सांसद बने जनार्दन मिश्रा इस समय विपक्ष के द्वारा मजबूत उम्मीदवार उतारे जाने से एक तरफा जीत को लेकर आशंकित दिख रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के लिए रीवा लोकसभा सीट सुरक्षित सीट मानी जाती है। लेकिन कांग्रेस के द्वारा सेमरिया के विधायक अभय मिश्रा की पत्नी पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को टिकट दिए जाने के बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म है।
लोगों में चर्चा है कि पिछले बार की तरह जनार्दन मिश्रा की जीत एक तरफ नहीं रहेगी, उन्हें विपक्ष के द्वारा कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है, अगर बहुजन समाज पार्टी के द्वारा भी कोई अच्छा उम्मीदवार उतारा जाता है तो रीवा लोकसभा के चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष देखा जा सकता है।
केपी त्रिपाठी को कड़े मुकाबले मे हराया
स्थानीय पत्रकार बताते है की पिछले साल विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान अभय मिश्रा ने सिमरिया से भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी के तथा कथित गुंडागर्दी और भय से क्षेत्र की जनता को मुक्त करने का संकल्प लिया था, आपको बताते हैं चलें कि केपी त्रिपाठी के विधायक रहते सीईओ से मारपीट का कांड प्रदेश भर में सुर्खियों में रहा है . इसके अलावा और भी कई घटनाएं सामने आई थी।
लेकिन चुनाव के कुछ वक्त पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कहने पर अभय मिश्रा ने भाजपा को ज्वाइन कर लिया था. लेकिन उम्मीदवारों की सूची तय होने से पहले जब अभय मिश्रा को पता चला की फिर से भारतीय जनता पार्टी केपी त्रिपाठी को ही टिकट दे रही है, तब अभय मिश्रा ने भाजपा छोड़ कांग्रेस ज्वाइन किया और कांग्रेस का टिकट पा लिया।
उसे वक्त लोगों ने कहा कि अभय मिश्रा ने पैसे देकर टिकट फाइनल करवाया है।
और अभय मिश्रा के कांग्रेस से उम्मीदवारी तय होते ही सिमरिया का विधानसभा चुनाव दिलचस्प हो गया था, और कांटे की टक्कर दिखाई दे रही थी।
तभी मतदान के पहले पता चला की अभय मिश्रा के घर छापा पड़ने वाला है, यह बात खुद अभय मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस करके जनता को बताया, और आरोप लगाया कि चुनाव के पहले सरकार उन्हें जेल में डालना चाहती है. हालांकि उनके घर छापा नहीं पड़ा था .
लेकिन चुनाव के रिजल्ट आते ही स्थिति साफ हो गई, कड़े मुकाबले में अभय मिश्रा ने शिवराज की लाडली बहना योजना लहर में भी जीत दर्ज कर ली। और केपी त्रिपाठी को मात दे दी।
पत्नी को बनाना चाहते हैं सांसद
आपको बता दें कि 2013 में अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा भाजपा के टिकट पर सिमरिया विधानसभा से ही चुनाव जीत कर विधायक बनी थी , लेकिन 2018 में अभय मिश्रा दंपति ने पार्टी में अपमानित करने और साजिश रचने का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ दिया था। अब 2024 में अभय मिश्रा अपनी पत्नी को सांसद बनाना चाहते हैं।
2018 में नीलम मिश्रा ने आरोप लगाया था कि राजेंद्र शुक्ला और जनार्दन मिश्रा उनके क्षेत्र का विकास नहीं होने देना चाहते है।
इसके अलावा नीलम मिश्रा ने आरोप लगाया था कि जनार्दन मिश्रा की वजह से उनको भाजपा की सदस्यता तक नहीं मिल पाई, आवेदन लेकर पार्टी ऑफिस तक तो जाती हूं, पर सदस्यता नहीं मिल पाई।
जिस तरह से अभय मिश्रा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में चुनावी प्रबंधन और जनसंपर्क का इस्तेमाल करके जीत दर्ज की ।
उसी तरह से टिकट मिलने के पहले से अभय मिश्रा जगह-जगह जाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक ले रहे हैं, उनकी पत्नी भी क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं । अभय मिश्रा खुद रीवा विधानसभा से राजेंद्र शुक्ल के खिलाफ चुनाव लड़कर अच्छा खासा वोट हासिल किया था। सिमरिया विधानसभा में उनकी अच्छी पकड़ पहले से ही है ।
और रीवा संसदीय क्षेत्र में जिस तरह से अभय मिश्रा चुनावी प्रबंधन करके चुनाव जीतने की रणनीति बना रहे हैं, इससे मोदी लहर और मोदी के नाम पर वोट मिलने की आशा लेकर बैठे जनार्दन मिश्रा को डर सता रहा है । कहीं कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी परिणाम में बाजी ना मार ले।
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