Rewa News : रीवा शहर के रतहरा में महाशिवरात्रि के पावन पर्व के उपलक्ष्य में गड़रिया मोड़ स्थित शंकर जी मंदिर में संकीर्तन एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया.
जहाँ पर नमः शिवाय संकीर्तन का शुभारंभ 17 फरवरी 2022, सुबह 10 बजे से से हुआ, जिसका समापन 18 फरवरी को हुआ।
आयोजन मण्डल के सदस्य आशीष तिवारी ने बताया की हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान शंकर जी की पूजा एवं भंडारा कार्यक्रम किया गया। जिसमे समस्त रतहरा वासियों ने तन मन धन से सहयोग किया। जिसकी वजह से कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
भंडारे में सहयोगी जे.के. इन्टरप्राइजेज, केशव मेडिकल, श्री सिद्धि विनायक कार डेकोरेशन, अंजलि गोल्ड, सन साइन बेकरी, नारायण आईस्क्रीम एवं किराना, चेतना मोटर्स, परी टेन्ट हाउस, रीवा कार बाजार, श्री विनायक मिनरल वाटर, तिवारी मोबइल, साई ट्रांसपोर्ट, चिरहुला नाथ मेडिकल एजेन्सी एवं समस्त रतहरा वासी सम्मिलित रहें।
शिवरात्रि का है विशेष महत्व
शिवरात्रि तो हर महीने में आती है लेकिन महाशिवरात्रि सालभर में एक बार आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है क्योंकि यह शिव और शक्ति की मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात के रूप में बताया जाता है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है।
पहली बार प्रकट हुए थे शिवजी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। शिव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था। ऐसा शिवलिंग जिसका ना तो आदि था और न अंत। बताया जाता है कि शिवलिंग का पता लगाने के लिए ब्रह्माजी हंस के रूप में शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग को देखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। वह शिवलिंग के सबसे ऊपरी भाग तक पहुंच ही नहीं पाए। दूसरी ओर भगवान विष्णु भी वराह का रूप लेकर शिवलिंग के आधार ढूंढ रहे थे लेकिन उन्हें भी आधार नहीं मिला।
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